Nov 2, 2010

Ehsaas!!!! Wo Sachchey Pal Zindagee Key

एहसास!!! वो सच्चे पल ज़िन्दगी के
एहसास वो है जिसे मन की आंखे, वो जिससे अतमा के कण सुनते है और वो जिससे दिल की धडकने पढ़ती है ! वो जिसे पढने के लिया शब्द की जरुरत नहीं होती! जो बिना किसी रूप के भी दिख जाता है! जो बिना शब्दों के भी सुना जाता है! और वो जो मीलो सफ़र तय  कर के भी आप तक पहुँच सकता है, अपने सुन्दर  और पवित्र रूप मे अनजाना होते ही भी पहचाना जा सकता है!
 एहसास है 
रोश्नी की तरह खुद मे सातों रंग संजोये
खुशबू की तरह,किसी भी जगह कही भी दीवारों  से परे जा सकता है !
पानी की तरह, निर्मल और शीतल है जिससे तन और मन को छूने से संतुस्टी होती है! 
निराकार है, हवा की तरह पास आकर भी दूर जाता है और दूर जाकर फिर पास लौट आता है!

एहसास की खूबसूरती और पवित्रता इसलिए है की हम शब्द बोल कर बहुत कुछ कह सकते है और बता देते है! पर जो बात इंसान जबान से ना कह कर खामोशी मे भी बयान कर दे, और दूसरा उसे  महसूस कर ले तो उसकी सत्यता और अस्तित्व का अलग ही वर्णन और रूप होता है! 
जब शिशु जन्म लेता है तो माँ को शब्दों की जरुरत  नहीं होती, माँ का स्पर्श , माँ का प्यार ही हमे ये एहसास दिला देता है की वो कितनी समर्पित है अपने सन्तान के लिए! जन्म से लेकर युवावस्था तक माँ कितनी बार कहती है की वो हमे प्यार करती है पर  उसके दिए छोटे छोटे सुख से, उसे लाड से, उसके बलिदान से अपने बच्चों के प्रती उसका प्यार उसका समर्पण महसूस हो ही जाता है! 
एहसास ही है जिसने शब्दों की दुनिया को पीछे छोड़ रखा है, और शब्दों के झूठ और जाल से पर्दा हटाता रहता है! एहसास सच की राह मे चलता हुआ रिश्तों के बंधन के सच को दर्शाता है, झूठ-कपट के डाले पर्दों को  तोड़ कर सच का चेहरा दिखाता है!
  • मन मे किसी के प्यार का एहसास हो तो चाहे  लाख उससे नाराजगी हो कोई उससे ज्यादा दिन दूर नहीं रह सकता! 
  • कोई कितनी भी बड़ी गलती केर ले पर यदि उसके मन मे अगर उसकी गलती का एहसास है तो उसे बड़ी से बड़ी अदालत भी छमा कर देती है!
  • जिसको अपने लक्ष्य से अपनी द्रढ़ता का एहसास है उसे दुनिया मे कोई भी मुश्किल हतोत्साहित नहीं कर सकती है! 
  • ज़िंदगी मे अगर किसी  के साथ होने  का एहसास है तो तो जिन्दगी की हर मुश्किल असं लगती है सुर उसका हल भी निकलत है!
  • इस दुनिया मे लाने वाला ईस्वर भी तो हमरे आगे मूक ही रहता है वो कही भी शब्द से नज़र नहीं अता है! पर फिर भी हमारे चारो ओर उसके हनी का एहसास है! वो कभी नहीं कहता की मई हूँ, पर वो हर तरफ प्रकृती मे अपने हनी का एहसास और विश्वास दिला ही देता है!


और सच ही एहसास जैसी अद्भुत अनुभूति की रचना ईस्वर के सिवा और कौन कर सकता है! एहसास ने अपने चमकीले  रंग से हर वस्तू और विचार मे सत्य और विश्वाश को आज की कायम रखा हुआ है!

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